दोस्तों rahultechnoweb पर आपका तहे दिल से अभिनंदन हैं इस पेज पर आप लोगों को बबासीर दूर करने के उपाय को विस्तार से पढ़कर अपनी बबासीर को दूर कर सकते हैँ ।
आज के समय में बबासीर होना एक बड़ी समस्या बन गयी है लोग ना जाने कौन कौन माध्यमों से बबासीर दूर करने का तरीका बता रहे हैं लेकिन उससे आपको कोई फायदा नही हो रहा है और नुकसान ज्यादा से ज्यादा हो रहा है कुछ लोग तो केवल पैसे कमाने के लिए बबासीर दूर करने की दवाइयाँ बेंच रहे हैं । जिनका कोई फायदा नहीं हो रहा है ।
और हा हम इस पोस्ट में वैसा नहीं बताएंगे , हम इस पोस्ट में आपको कुछ जबरदस्त नुक्से बताने वाले हैं ।
जो आपको फायदा को छुड़ाय नुकसान नही होगा।
नीचे दिये गये तरीको से बबासीर दूर कर सकते हैं ,इन तरीको का इस्तेमाल रोजाना करके बबासीर दूर कर सकते हैं यदि इन तरीको का इस्तेमाल अच्छे से किया तो आपके बबासीर अवश्य दूर हो जाएगी ।
बाबासीर, जिसे अंग्रेजी में piles भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंत की नसों में सूजन होती है जो कि शौच करते समय या उसके बाद खुन के साथ जाने लगती है। यह आमतौर पर गुदा क्षेत्र में होता है।
यह समस्या बहुत से कारणों से हो सकती है, जैसे गलत खान-पान, अनियमित शौच, बैठने वाली जगहों पर ज्यादा दबाव या एक बीमारी के रूप में।
इस समस्या का समाधान करने के लिए कुछ घरेलू उपचार होते हैं, जैसे कि सेब का सिरका, इलायची, शहद और घी। इनके अलावा अन्य उपचार शामिल हैं जैसे आयुर्वेदिक दवाएं, स्थानिक उपचार और शल्य चिकित्सा।
अगर आपको बाबासीर की समस्या है, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। चिकित्सा विशेषज्ञ आपके लिए सही उपचार का निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।
बाबासीर क्या होता है (what are piles in hindi)
बाबासीर (Piles) एक ऐसी समस्या है जिसमें आंत के अंदर या बाहर की नसों में सूजन और फूलन हो जाता है। इससे बवासीर का बनना शुरू हो जाता है जो अधिकतर लोगों में पाया जाता है।
बाबासीर के कारण नसों की सूजन का कारण अधिकतर गलत खानपान और अनियमित जीवनशैली होती है। इससे पाचन शक्ति और अंतःस्थुल आयाम में कमी होती है और सूजन का कारण बनती है।
यह समस्या विभिन्न लोगों में विभिन्न तरीकों से होती है, जैसे बैठने की गलत आदतें, अधिक वजन, प्रेगनेंसी, या अन्य रोगों की वजह से। इसके लक्षण में पेशाब या शौच के समय खुन आना, खुजली और दर्द शामिल होते हैं।
अधिकतर मामलों में, बाबासीर को घरेलू उपचार और बदलती जीवनशैली से ठीक किया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों में शल्य चिकित्सा की जरूरत होती है, जो आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाएगी।
बाबासीर कैसे होता है (how do piles happen in hindi)
बाबासीर के होने के कुछ मुख्य कारण हैं:
1.पाचन तंत्र में कमजोरी: खाने पीने की गलत आदतें या अनियमित खानपान बाबासीर के होने का मुख्य कारण होती है। इससे पाचन तंत्र में कमजोरी होती है जो नसों में सूजन और फूलने का कारण बनती है।
2.असंतुलित जीवनशैली: बैठने की गलत आदतें, ज्यादा वजन, नियमित व्यायाम न करना, ज्यादा ठंडा या गर्म पदार्थ खाना, या सिगरेट या शराब पीना बाबासीर के होने का कारण बन सकता है।
3.गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में शिशु के वजन के कारण पेट में दबाव बढ़ जाता है जो बाबासीर के होने का कारण बन सकता है।
4.बवासीर संबंधी समस्याएं: अधिकतर मामलों में जो लोग बाबासीर से पीड़ित होते हैं, उनमें पूर्व संग्रहित बाबासीर की समस्या होती है।
5.अन्य रोग: कुछ बीमारियां जैसे कि कैंसर, उच्च रक्तचाप, लिवर के रोग, आदि भी बाबासीर के होने का कारण बन सकते हैं।
बाबासीर कैसे पता चलता है (How to know hemorrhoids in hindi)
बाबा सीर या हेमोरोइड्स (Hemorrhoids) के लक्षण निम्नलिखित होते हैं:
1.पेशाब या डिफिकेशन के समय दर्द या खुजली होना।
2.गुदा क्षेत्र में दर्द, सूजन या तनाव का अनुभव होना।
3.गुदा क्षेत्र में लाल या नीले रंग के फोड़ों का उत्पन्न होना जो टाइम के साथ विकसित होते हैं।
4.अंतिम गुदा क्षेत्र से खून का आवरण होना।
इन लक्षणों में से कुछ या सभी को होने पर, बाबा सीर (Hemorrhoids) की संभावना होती है। यदि आपको ये लक्षण मिलते हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। उन्हें आपकी जांच करेंगे और सही उपचार का सुझाव देंगे।
बाबासीर के लक्षण (symptoms of piles in hindi)
बाबा सीर या पाइल्स एक आम समस्या है जो अधिकतर उम्रदराज लोगों में देखी जाती है। इस रोग के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं:
1.गुदा के अंदर खुजली और जलन का अनुभव
2.गुदा से खून की निकलना।
3.बवासीर की शुरुआती अवस्था में गुदा में छोटे छोटे मस्से होते हैं।
4.अंतिम गुदा क्षेत्र में सूजन या फुड़कान हो सकता है।
5.मलत्याग के समय दर्द या आंशिक असमर्थता का अनुभव करना।
यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ भी अनुभव होता है, तो आपको अपने चिकित्सक से मिलना चाहिए जो आपको उचित उपचार का सुझाव देगा।
बाबासीर होने के कारण (reasons of piles in hindi)
बाबा सीर (Hemorrhoids) कई कारणों से होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
1.कब्ज: अधिकतर मामलों में, बाबा सीर का सबसे प्रमुख कारण कब्ज होता है। कब्ज होने से पाचन तंत्र में अव्यवस्था होती है जिससे यह समस्या होती है।
2.अल्पाहार: अगर आपका आहार कम फाइबर वाला होता है तो आपके पाचन तंत्र में समस्या होती है और इससे आपको बाबा सीर की समस्या हो सकती है।
3.वजन उठाना: भारी वजन उठाने वाले लोगों में भी बाबा सीर की समस्या हो सकती है।
4.गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान बाबा सीर की समस्या हो सकती है।
5.बैठक और खड़े रहना: बहुत लंबे समय तक बैठे रहने या खड़े रहने से भी बाबा सीर की समस्या हो सकती है।
6.यौन संबंध: यौन संबंधों के दौरान बाबा सीर की समस्या हो सकती है।
इन सभी कारणों से बाबा सीर की समस्या होती है। यदि आपको इस समस्या से जुड़ी कोई समस्या है तो आपको एक विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
बाबासीर के प्रकार (types of hemorrhoids in hindi)
बाबासीर, जिसे अंग्रेजी में पाइल्स (Piles) कहा जाता है, एक ऐसी समस्या है जो गुदा के आसपास की नसों की समस्या से होती है। यह समस्या दरअसल गुदा में शरीर के अंगों की प्रतिरक्षा से संबंधित है। यह शरीर के इम्यून सिस्टम की कमजोरी के कारण हो सकती है।
यह दो प्रकार के होते हैं ।
1. खूनी बाबासीर
2. बादी बाबासीर
खूनी बाबासीर (Bloody Babaseer in hindi)
कृपया ध्यान दें कि यह एक मेडिकल समस्या है और आपको इसके लिए किसी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
खूनी बवासीर, जिसे अंग्रेजी में ब्लीडिंग पाइल्स भी कहा जाता है, एक प्रकार की बवासीर है जिसमें गुदा के आसपास की नसों में से कुछ फूल जाते हैं जिससे खून आने लगता है। यह आमतौर पर अधिक रक्त स्त्राव की वजह से होता है और सामान्य बवासीर से थोड़ा भिन्न होता है।
यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में होती है और उम्र के साथ बढ़ती है। इस समस्या के कुछ लक्षणों में खून की बौछारें, जलन और खुजली शामिल होती हैं।
इस समस्या का समाधान करने के लिए, चिकित्सक आपको दवाओं, वृद्धि रोकने के उपायों, आहार में परिवर्तन और समय-समय पर शल्य चिकित्सा के लिए सलाह दे सकते हैं। यदि समस्या अधिक गंभीर हो जाए तो सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है।
बादी बाबासीर (Badi Babaseer in hindi)
बादी बाबासीर एक ऐसी बीमारी है जो गुदा के अंदरी या बाहरी हिस्सों में खोखलापन, सूजन, दर्द और रक्तस्राव के साथ होती है। यह एक अत्यंत तकलीफदेह स्थिति होती है जो उपचार के बिना बढ़ सकती है।
बादी बाबासीर का कारण गुदा क्षेत्र में रक्तस्राव की समस्या हो सकती है जो बैठने के लंबे समय तक या अनियमित खान-पान की वजह से होती है। इसके अलावा, गुदा क्षेत्र में एक ट्यूमर के कारण भी बाबासीर हो सकती है।
बादी बाबासीर के उपचार के लिए दवाओं, स्थानिक चिकित्सा, और कुछ घरेलू उपचार उपलब्ध होते हैं। यदि समस्या बहुत बढ़ जाती है तो सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है।
बादी बाबासीर से बचने के लिए समय-समय पर खान-पान करें, बैठने से बचें, और अपने बैठने की जगह पर टाइम-टुक खड़े होकर थोड़ी देर खड़े रहें। यदि आपको इस समस्या से जुड़ी कोई समस्या हो तो अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
बवासीर और भगन्दर में अन्तर (difference between piles and fistula in hindi)
बवासीर और भगन्दर दोनों गुप्तांग के विभिन्न रोग होते हैं। ये दोनों ही समस्याएं गुप्त रूप से होती हैं और दोनों के लक्षण एक दूसरे से अलग होते हैं।
बवासीर के लक्षण में खून आना, खुजली, दर्द और असहनीय महसूस करना शामिल हो सकते हैं। यह उपयुक्त दवाओं या समय रहित इलाज के कारण बढ़ सकता है।
भगन्दर के लक्षण में सूखापन, खुजली, जलन, दर्द और चिकनापन शामिल हो सकते हैं। यह सामान्यतया लगभग स्वच्छ रखे गए अंगों की संक्रमण से होता है और उपयुक्त दवाओं या स्थायी इलाज से ठीक हो सकता है।
इन दोनों रोगों को ठीक करने के लिए बेहतर होगा कि आप एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें और उनसे सलाह लें कि कौन सी समस्या है और उसका सही उपचार क्या हो सकता है।
बवासीर के इलाज के लिए घरेलू उपाय (home remedies for piles treatment in hindi)
बवासीर को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपचार हो सकते हैं। यहाँ कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं:
1.टेक सीड: टेक सीड बवासीर के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। आप रात को सोते समय 1 या 2 टेक सीड को पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट खाएं।
2.घी और सौंफ: घी और सौंफ बवासीर के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है। आप दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर अच्छी तरह से मिलाएं और रोजाना खाली पेट खाएं।
3.आलू: आलू बवासीर के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है। आप एक आलू को धो लें, उसे छील लें और उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इन टुकड़ों को दूध के साथ पकाएं और उन्हें रोजाना खाएं।
4.त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण बवासीर के लिए एक अच्छा घरेलू उपाय है। आप इसे दो चम्मच गुणवत्ता वाले त्रिफला चूर्ण के साथ गुणवत्ता वाले गर्म पानी में मिलाकर रोजाना दो बार पी सकते हैं।
#1.बाबासीर रोकने के लिए अलोवेरा का उपयोग (use of aloe vera to stop piles in hindi)
बाबासीर के इलाज में एलोवेरा का उपयोग उपयोगी हो सकता है। एलोवेरा एक प्राकृतिक औषधि है जो त्वचा के लिए विशेष रूप से जानी जाती है। इसके अलावा, यह पेट संबंधी समस्याओं, जैसे कि एसिडिटी और कब्ज के इलाज में भी उपयोगी है।
बाबासीर के लिए एलोवेरा जेल आपको उपलब्ध हो सकता है, जो आपकी त्वचा को शीतल और शांत रखता है और एलोवेरा के प्राकृतिक गुणों का लाभ देता है। यह एंटी-इनफ्लेमेट्री, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है, जो बाबासीर के इलाज में मदद करते हैं।
आप एलोवेरा जेल को सीधे अपने बवासीर के प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते हैं या फिर एक छोटी कप में एलोवेरा जूस बनाकर पीने से भी फायदा हो सकता है। एलोवेरा जूस का सेवन आपके पेट को ठंडा रखता है जो आपके बाबासीर के लिए उपयोगी होता है।
#2.बाबासीर रोकने के लिए सेव के सिरके का उपयोग (Use of apple cider vinegar to stop piles in hindi)
बाबासीर एक ऐसी स्थिति है जिसमें बवासीर नसों के सूजन या बढ़ते हुए आकार के कारण त्वचा के आसपास मस्से बन जाते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए कुछ लोग नेचुरल उपचारों का उपयोग करते हैं, जिसमें सेव के सिरके का भी उपयोग किया जाता है।
सेव का सिरका एक प्राकृतिक उपचार होता है जो बाबासीर से राहत प्रदान कर सकता है। सेव के सिरके में एसिडिक गुण होते हैं जो मस्सों को श्रिंखलित करने में मदद करते हैं और दर्द और सूजन को कम करते हैं। इसके अलावा, सेव का सिरका एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है जो इस समस्या से जुड़ी संक्रमणों के विरुद्ध लड़ने में मदद कर सकते हैं।
बाबासीर के लिए सेव के सिरके का उपयोग करने के लिए, आपको एक कप गुनगुने पानी में दो चम्मच सेव के सिरके को मिलाकर इस्तेमाल करना होगा। आप इस मिश्रण को एक टिश्यू पर लगाकर या कोटन की बॉल पर लगाकर अपनी बाबासीर क्षेत्र पर लगा सकते हैं।
#3.बाबासीर रोकने के लिए जैतून का तेल का इस्तेमाल (Use of olive oil to stop piles in hindi)
बाबासीर या पाइल्स होने पर जैतून का तेल एक उपयुक्त आयुर्वेदिक औषधि हो सकता है। इसे बाबासीर के दर्द और सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैतून के तेल में विशेष गुण होते हैं जो बाबासीर को रोकने में मदद करते हैं। यह तेल भी त्वचा के लिए उपयोगी होता है और उसे स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
जैतून के तेल को बाबासीर के रोगी क्षेत्र पर मलने से उस इलाके में शांति मिलती है और दर्द और सूजन कम होती है। यह तेल खुजली और इन्फेक्शन को भी रोकता है।
जैतून के तेल का उपयोग करने के लिए, सबसे पहले आपको इसे साफ पानी से अच्छी तरह से धोकर सुखा लेना होगा। फिर, आपको इस तेल को बाबासीर के रोगी क्षेत्र पर मलना होगा। आप इसे हल्के हाथ से आसानी से मसाज कर सकते हैं। इसे सोने से पहले रोजाना एक या दो बार करने से बाबासीर के दर्द में कमी होगी।
#4.बाबासीर रोकने के लिए बादाम के तेल का उपयोग (Use of almond oil to stop piles in hindi)
गबादाम के तेल का उपयोग बाबासीर रोकने में मददगार हो सकता है। बादाम के तेल में विटामिन ई, विटामिन ड, विटामिन बी6 और जिंक जैसे विभिन्न पोषक तत्व होते हैं जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
बाबासीर को रोकने के लिए, आप बादाम के तेल को सीधे अपने बाहरी एनल एरिया पर लगा सकते हैं। आप एक छोटी मात्रा में तेल का उपयोग कर सकते हैं और उसे अपनी उंगलियों से धीरे से मलते हुए आराम से मसाज कर सकते हैं। इसे दिन में दो बार करने से आपको फायदा हो सकता है।
यदि आपके लिए यह संभव नहीं है कि आप बाहरी तेल का उपयोग करें, तो आप बादाम के तेल को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। आप इसे खाने के बाद अपने बाहरी एनल एरिया पर लगाने से पहले तापमान को ध्यान में रखना चाहिए।
ध्यान रखें कि बाबासीर का समय से इलाज करना महत्वपूर्ण है।
#5. बाबासीर रोकने के लिए नारियल का उपयोग (use of coconut to stop piles in hindi)
बाबा सीर एक ऐसी समस्या है जो कि घातक हो सकती है और यह पाचन तंत्र के सामान्य फंक्शन में असंतुलन के कारण होती है। नारियल खाने से बाबा सीर को रोकने में मदद मिल सकती है।
नारियल में पाये जाने वाले वसा मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है जो बाबा सीर के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, नारियल में मौजूद फाइबर भी पाचन को सही तरीके से काम करने में मदद करता है जो बाबा सीर के उपचार में मदद कर सकता है।
नारियल के तेल का भी इस्तेमाल बाबा सीर के उपचार में किया जा सकता है। तेल को स्क्रूब या डायरेक्टली एप्लाई किया जा सकता है। इससे बाबा सीर के लक्षणों को कम किया जा सकता है और त्वचा को सुधारा जा सकता है।
यदि आप बाबा सीर के लक्षणों से पीड़ित हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। नारियल का इस्तेमाल केवल उपचार के रूप में किया जा सकता है लेकिन यह इलाज नहीं है।
#6.बाबासीर रोकने के लिए अंजीर का उपयोग (Use of figs to stop piles in hindi)
अंजीर बवासीर को रोकने में मददगार हो सकता है क्योंकि यह एक उत्तम फाइबर स्रोत होता है जो आपकी बॉडी में पानी की मात्रा को बनाए रखता है और बवासीर के लक्षणों को कम करता है।
अंजीर में उपस्थित फाइबर को आपके शरीर के पास स्थित बवासीर के क्षेत्र में पहुंचने में मदद मिलती है, जिससे स्थूल बदलावों को संतुलित करने में मदद मिलती है। अंजीर में विटामिन C, ए और बी के साथ-साथ फॉलेट, पोटेशियम, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो आपकी सेहत को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
आप अंजीर को आसानी से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। यह खाने में स्वादिष्ट होता है और आप इसे खाने से पहले या बाद में पानी के साथ भी ले सकते हैं। यदि आप बवासीर के लक्षणों से पीड़ित हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
#7. बाबासीर रोकने के लिए जीरे का उपयोग (Use of cumin to stop hemorrhoids in hindi)
जीरा या जीरा का पानी बवासीर के उपचार के लिए एक प्रभावी घरेलू उपाय है। जीरा अनेक स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होता है जैसे कि पाचन को सुधारना, गैस और एसिडिटी को कम करना और आराम प्रदान करना।
जीरा बवासीर के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, इसे खाने में शामिल करके या जीरे का पानी पीकर। जीरे का पानी बनाने के लिए, एक चम्मच जीरे को एक कप पानी में उबालें और इसे ठंडा होने दें। इस पानी को दिन में दो या तीन बार पीना चाहिए।
जीरे में मौजूद विशेष तत्वों के कारण यह बवासीर के लक्षणों को कम कर सकता है। इसके अलावा, जीरे के इस्तेमाल से पाचन तंत्र सुधारता है और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
यदि आपके बाबा सीट के लक्षण गंभीर हैं तो इससे पहले एक चिकित्सक से परामर्श लेना सुझावित है।
#8. बाबासीर रोकने के लिए नीबू का सेवन (Use of lemon to stop piles in hindi)
बाबासीर को रोकने के लिए नींबू का सेवन किया जा सकता है। नींबू में विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स और फ्लावॉनॉइड होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। नींबू के सेवन से पाचन क्रिया भी बेहतर होती है जो बवासीर की समस्या को रोकने में मदद करती है।
बाबासीर के इलाज के लिए नींबू का रस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप एक नींबू का रस निकालकर उसे शहद या गुड़ के साथ मिलाकर दिन में दो-तीन बार पी सकते हैं। नींबू का रस खुजली और दर्द को कम करने में मदद करता है जो बवासीर के लक्षण हो सकते हैं।
इसके अलावा, बाबासीर को रोकने के लिए आप संतुलित आहार लेना, पानी की अधिक मात्रा में पिना, नियमित व्यायाम करना और अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। यदि आपको बवासीर के लक्षण होते हैं तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
#9. बाबासीर रोकने के लिए अजवाइन और मट्ठे का उपयोग (Use of celery and whey to prevent hemorrhoids in hindi)
बाबासीर या पाइल्स को रोकने के लिए अजवाइन और मट्ठे का उपयोग करना एक प्राकृतिक उपाय हो सकता है। अजवाइन में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बाबासीर के लक्षणों को कम कर सकते हैं।
मट्ठा एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक होता है जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह आपके शरीर के अंदर अच्छी बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाता है जो आपके शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करती है।
अजवाइन और मट्ठे का उपयोग करने के लिए आप इस प्रकार कर सकते हैं:
1.थोड़ी सी अजवाइन को तवे पर भून लें और उसे पीस लें।
2.एक गिलास मट्ठा लें और उसमें भूनी हुई अजवाइन डालें।
3.अच्छी तरह से मिलाएं और उसे पीएं।
आप इसे दिन में दो बार कर सकते हैं। इसके अलावा, बाबासीर को रोकने के लिए आप अपनी डाइट में फल, सब्जियां, प्रोबायोटिक योगर्ट और फाइबर जैसे आहार विकल्प शामिल कर सकते हैं।
#10. बाबासीर रोकने के लिए पपीते का सेवन (Consuming papaya to prevent piles in hindi)
बाबासीर एक परेशान करने वाली स्थिति है जो गुदा के आसपास की नसों में सूजन या खींचाव के कारण होती है। यह समस्या आमतौर पर अधिक बैठने या पेट में दबाव के कारण होती है।
पपीते में विटामिन सी, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपकी पाचन शक्ति को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। पपीते में शामिल फाइबर आपकी डाइजेशन में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं को रोकता है जो बाबासीर के लिए एक मुख्य कारण हो सकती हैं।
लेकिन, बाबासीर जैसी समस्याओं को संभवतः एकल उपाय से नहीं ठीक किया जा सकता है। इसलिए यदि आप बाबासीर के लिए अन्य उपायों की तलाश कर रहे हैं तो अपने चिकित्सक से परामर्श करना सुनिश्चित करें।
#11. बाबासीर रोकने के लिए केले का सेवन (Consuming banana to stop hemorrhoids in hindi)
बाबासीर के लिए केले का सेवन एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है, लेकिन इसकी कोई वैज्ञानिक रूप से समर्थित विधि नहीं है।
कुछ लोग इस बात पर विश्वास करते हैं कि केले में मौजूद पोटेशियम, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों के कारण बाबासीर को रोकने में मदद मिलती है। लेकिन यह सबकुछ आंतों की स्वस्थता और बाबासीर से जुड़े विषयों पर सीधा प्रभाव नहीं डालता है।
अधिकतर चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह यह है कि बाबासीर के इलाज के लिए आप एक पेशेंट के रूप में अपने चिकित्सक से सलाह लें और उनके द्वारा सुझाए गए उपचार का पालन करें।
बाबासीर होने से आपका खान पान (Being a Babaseer, your food and drink in hindi)
बाबासीर या पाइल्स के लिए खान पान का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह एक ऐसी समस्या है जो पेट के अंदरी और बाहरी हिस्सों को प्रभावित करती है। इसलिए, खाने की वस्तुओं को ठीक से चुनना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
बाबासीर के लिए आपको ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जो ज्यादा तले हुए, तीखे, मसालेदार और मिर्च मसालों से भरे हुए होते हैं। इसके साथ ही शुगर, एल्कोहल, कॉफी, चाय और बहुत ज्यादा मीठा खाने से भी बचना चाहिए।
आपको ऐसे खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए जो उच्च फाइबर और पानी से भरपूर होते हैं जैसे कि फल, सब्जियां, दालें, नट्स और सीधे अंडे। इसके अलावा, आप दूध, दही, चावल, रोटी, सलाद और सब्जियों के साथ दाल खा सकते हैं।
इसके अलावा, आपको अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना चाहिए और प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।
बाबासीर होने के बाद क्या क्या परहेज करना चाहिए (what should be avoided after piles in hindi)
बाबासीर या पाइल्स एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर बड़ी उम्र के लोगों में देखी जाती है। यह हमारे शरीर के निचले हिस्से में विकसित होती है और असुविधाजनक हो सकती है। इस समस्या का समाधान दवाई और स्थायी उपचार से किया जा सकता है लेकिन इसके बाद कुछ परहेज भी अपनाने चाहिए।
बाबासीर होने के बाद ये परहेज करने चाहिए:
1.अपनी खानपान का ध्यान रखें: अपने भोजन में फाइबर युक्त आहार शामिल करें, जैसे कि फल, सब्जियां, अनाज और अधिक पानी पिएं। चिपचिपा खाना और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचें।
2.पेट साफ रखें: बाबासीर से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार पेट साफ करने की जरूरत होती है। आपको रोज सुबह उठते ही शौच करना चाहिए।
3.बैठने का तरीका ध्यान में रखें: आपको लंबे समय तक बैठने से बचना चाहिए। आपको बैठते समय एक कुल्हाड़ी या तकिया इस्तेमाल करके अपनी जगह सुधारनी चाहिए।
बाबासीर होने के बाद आपकी जीवन शैली (Your lifestyle after having piles in hindi)
कृपया ध्यान दें कि बाबासीर एक गंभीर समस्या है और इसका समाधान चिकित्सा द्वारा किया जाना चाहिए। यदि आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो आपको तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
बाबासीर के बाद आपकी जीवन शैली उस स्थिति पर निर्भर करती है कि आपने इस समस्या को कैसे संभाला है। यदि आपने अपनी आहार और व्यायाम की देखभाल की है और समय-समय पर अपने चिकित्सक से जांच करवाई की है, तो आपकी जीवन शैली नहीं बदलने की आवश्यकता है।
यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, सही आहार लेते हैं और रोजाना पानी की अधिक मात्रा पीते हैं, तो आप अपनी स्वस्थ जीवन शैली बनाए रख सकते हैं
अगर आप अपनी बाबासीर से निपटने के लिए ऑपरेश न से गुजर चुके हैं, तो आपको अपनी खुराक की जांच करने और अपनी स्वस्थ जीवन शैली के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श लेने की आवश्यकता हो सकती है।
निष्कर्ष(Conclusion)
तो दोस्तों या था आज का पोस्ट जिसमे आपको मैंने बताया की बबासीर जड़ से खत्म करने के लिए कौन कौन से नुक्सा अपनाना चाहिए । और मुझे पूरा उम्मीद है कि आपको ये जानकारी बहोत पसंद आयी होगी । और अगर आपका कोई सवाल है तो आप comment करके पूछ सकते है, मैं आपकी पूरी सहायता(help) करने की कोशिश करूँगा।
और आप लोग ये बताये की आप लोगो को इनमे से कौन सा नुक्सा आपको बहोत पसंद आया ।
और बबासीर खत्म करने के लिए आप लोगों को ये जानकारी कैसी लगी अगर अच्छी लगी हो तो आप ये भी comment करके बता सकते है और साथ ही साथ आप इस आर्टिकल या पोस्ट को शेयर भी जरूर करे।
धन्यवाद