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Trading Account क्या है ?

 ट्रेडिंग अकाउंट एक तरह का निवेश खाता होता है जिसका इस्तेमाल शेयर, कमोडिटीज और विदेशी मुद्रा जैसी प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए किया जाता है. यह शेयर बाजार में लेन-देन करने का एक माध्यम है।


Trading Account क्या है ?


आसान शब्दों में कहें तो, ट्रेडिंग अकाउंट किसी भी निवेश खाते को कहा जा सकता है जिसमें प्रतिभूतियां, स्टॉक और अन्य होल्डिंग्स हों. हालांकि, आम तौर पर ट्रेडिंग अकाउंट का मतलब डे ट्रेडर के मुख्य खाते से होता है. ये निवेशक अक्सर एक ही ट्रेडिंग 세션 (सेशन) के दौरान कई बार संपत्ति खरीदते और बेचते हैं, और नतीजतन उनके खातों पर विशेष नियम लागू होते हैं.

आप ट्रेडिंग अकाउंट को किसी ब्रोकरेज फर्म के साथ खोल सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म आपको शेयर बाजार के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्रदान करती है और आपकी ओर से ट्रेडों को पूरा करने में मदद करती है. आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करते हैं, जिनका इस्तेमाल आप प्रतिभूतियां या अन्य वित्तीय उपकरण खरीदने के लिए कर सकते हैं.


Trading Account कैसे खोले ?


शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खोलना जरूरी होता है. यहां पर आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की पूरी जानकारी हिंदी में मिल जाएगी:

चरण 1: ब्रोकर का चुनाव करें

सबसे पहले आपको एक स्टॉक ब्रोकर चुनना होगा. आप ऑनलाइन डिस्काउंट ब्रोकर्स या फिर फुल सर्विस ब्रोकर्स में से किसी को भी चुन सकते हैं. डिस्काउंट ब्रोकर्स कम फीस लेते हैं लेकिन रिसर्च और एडवाइस जैसी सुविधाएं कम देते हैं. वहीं दूसरी तरफ फुल सर्विस ब्रोकर्स ज्यादा फीस लेते हैं लेकिन रिसर्च रिपोर्ट और इन्वेस्टमेंट एडवाइस जैसी कई सुविधाएं देते हैं.

चरण 2: ब्रोकरेज प्लान्स की तुलना करें

ब्रोकर चुनने के बाद आपको उनका ब्रोकरेज प्लान्स चेक करना चाहिए. हर ब्रोकर का अपना ब्रोकरेज प्लान्स होता है जिसमें उनके द्वारा ली जाने वाली फीस की जानकारी होती है. ट्रेडिंग के लिए लगने वाले brokerage charges, account opening charges, AMC (Annual Maintenance Charges) जैसी चीजों को ध्यान से देखें.

चरण 3: खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू करें

एक बार ब्रोकर चुन लेने के बाद आप उनकी वेबसाइट पर जाकर या उनसे संपर्क करके खाता खोलने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं. आपको एक ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक खाते की जानकारी आदि मांगी जाएगी.

चरण 4: केवाईसी (KYC) करवाएं

ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए KYC (Know Your Customer) करवाना जरूरी होता है. KYC के लिए आपको ब्रोकर को अपने पहचान और पते का प्रमाण देना होगा. PAN card, आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट या कोई और सरकारी दस्तावेज पहचान और पते के प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं. आजकल ज्यादातर ब्रोकर्स eKYC की सुविधा भी देते हैं जिससे आप ऑनलाइन KYC करवा सकते हैं.

चरण 5: डिमैट अकाउंट को लिंक करें

शेयर मार्केट में खरीदे गए शेयरों को डिमैट अकाउंट में रखा जाता है. इसलिए आपको अपना ट्रेडिंग अकाउंट अपने डिमैट अकाउंट से लिंक करवाना होगा. अगर आपका पहले से ही डिमैट अकाउंट नहीं है तो आप ब्रोकर के साथ ही डिमैट अकाउंट भी खोल सकते हैं.

चरण 6: अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर करें

एक बार खाता खुल जाने और KYC हो जाने के बाद आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. फंड ट्रांसफर करने के बाद आप शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.

अतिरिक्त बातें:

  • ट्रेडिंग शुरू करने से पहले शेयर मार्केट को अच्छी तरह से समझना जरूरी होता है.
  • शेयर मार्केट में मुनाफा कमाने की कोई गारंटी नहीं होती है, इसलिए हमेशा सोच-समझकर ही निवेश करें.

Trading Account में invest कैसे करें


ट्रेडिंग अकाउंट में निवेश करने से पहले ये कुछ चीजें समझना जरूरी हैं:

  • बुनियादी बातें: शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है. लेकिन सिर्फ अकाउंट खोलने से नहीं होगा. आपको यह भी सीखना होगा कि शेयर कैसे खरीदें और बेचें. साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए कि इसमें जोखिम भी होता है.

  • अकाउंट खोलना: ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको पहले एक SEBI रजिस्टर्ड ब्रोकर के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा. डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों को डिजिटल रूप में रखता है. ब्रोकर चुनते समय उनकी फीस, रिसर्च रिपोर्ट और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसी चीजों पर ध्यान दें.

  • पैसे जमा करें: अकाउंट खोलने के बाद आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करने होंगे. फिर आप इन पैसों से शेयर खरीद सकते हैं.

अगर आप ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए तैयार हैं तो ये कुछ आसान steps हैं:

  1. एक ब्रोकर चुनें: रिसर्च करके और उनका चार्ज compare करके एक अच्छा ब्रोकर चुनें.
  2. अपने दस्तावेज जमा करें: ब्रोकर के साथ KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करें. इसके लिए आपको आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक स्टेटमेंट जैसे डॉक्यूमेंट्स देने होंगे.
  3. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म सीखें: ब्रोकर का ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म सीखें. इससे आप ऑर्डर लगा सकेंगे.

ट्रेडिंग शुरू करने से पहले शेयर बाजार के बारे में सीखना और इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी बनाना फायदेमंद होता है. इसके अलावा अपनी रिस्क tolerance को भी समझें.

शेयर बाजार के बारे में जानकारी के लिए आप NSE या BSE की वेबसाइट NSE India या BSE India देख सकते हैं. वहां आपको इन्वेस्टमेंट करने से पहले ध्यान देने योग्य चीज़ों के बारे में जानकारी मिलेगी.


Trading Account के प्रकार:


भारत में, विभिन्न प्रकार के ट्रेडिंग खाते उपलब्ध हैं, जिन्हें विभिन्न कारकों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, जैसे:

1. खाताधारक का प्रकार:

  • व्यक्तिगत खाता: यह सबसे आम प्रकार का खाता है, जो व्यक्तियों द्वारा खोला जाता है।
  • संयुक्त खाता: यह खाता दो या दो से अधिक व्यक्तियों द्वारा खोला जा सकता है।
  • संस्थागत खाता: यह खाता कंपनियों, फर्मों, ट्रस्टों और अन्य संस्थाओं द्वारा खोला जाता है।
  • NRI खाता: यह खाता गैर-निवासी भारतीयों (NRI) द्वारा खोला जाता है।

2. ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म:

  • ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको इंटरनेट के माध्यम से ट्रेड करने की सुविधा देता है।
  • ऑफलाइन ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको फोन या ब्रोकर के कार्यालय में जाकर ट्रेड करने की सुविधा देता है।

3. एक्सचेंज:

  • NSE ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको National Stock Exchange (NSE) पर ट्रेड करने की सुविधा देता है।
  • BSE ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको Bombay Stock Exchange (BSE) पर ट्रेड करने की सुविधा देता है।
  • MCX ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको Multi Commodity Exchange (MCX) पर ट्रेड करने की सुविधा देता है।
  • NCDEX ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको National Commodity & Derivatives Exchange (NCDEX) पर ट्रेड करने की सुविधा देता है।

4. ट्रेडिंग सेगमेंट:

  • इक्विटी ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको शेयरों में ट्रेड करने की सुविधा देता है।
  • डेरिवेटिव ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको डेरिवेटिव जैसे कि फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड करने की सुविधा देता है।
  • कमोडिटी ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको वस्तुओं जैसे कि सोना, चांदी और तेल में ट्रेड करने की सुविधा देता है।
  • मुद्रा ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको मुद्राओं में ट्रेड करने की सुविधा देता है।

5. मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा:

  • मार्जिन ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको मार्जिन पर ट्रेड करने की सुविधा देता है, यानी ब्रोकर से उधार लेकर।
  • कैश ट्रेडिंग खाता: यह खाता आपको केवल उसी राशि के लिए ट्रेड करने की सुविधा देता है जो आपके खाते में जमा है।

ट्रेडिंग खाता खोलते समय, अपनी आवश्यकताओं और जोखिम सहनशीलता पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

यहां कुछ अतिरिक्त बातें हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए:

  • ब्रोकरेज शुल्क: विभिन्न ब्रोकर अलग-अलग शुल्क लेते हैं। खाता खोलने से पहले विभिन्न ब्रोकरों की तुलना करें।
  • न्यूनतम जमा राशि: कुछ खातों के लिए न्यूनतम जमा राशि की आवश्यकता होती है।
  • अतिरिक्त सुविधाएं: कुछ खाते अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करते हैं, जैसे कि रिसर्च टूल और मार्केट अपडेट।

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